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परम बंधुवर, जय श्री राम

🚩परम बंधुवर, जय श्री राम🚩
🙏सस्नेह नमस्ते🙏
इन दिनों हम सब अत्यंत उत्साहित व आनंदित हैं। हमने अयोध्या में अपने श्रीरामलला को लगभग 500 वर्षों बाद प्रतिष्ठित जो कर लिया है, प्राण प्रतिष्ठा जो हो गई है।आप सबको बहुत-बहुत बधाई।

किंतु विचारणीय विषय यह है कि क्यों सारे देश में ही नहीं, बल्कि विश्व भर में इतना उत्साह और उमंग जन जन में है? वास्तविक कारण क्या है कि श्री राम के प्रति इतनी श्रद्धा, इतना विश्वास व आस्था जन-जन में है?
हजारों वर्षों से श्री राम के प्रति इस श्रद्धा, विश्वास का कारण है श्री रामजी ने अति उच्च कोटि का श्रेष्ठ जीवन जिया। उन्होंने व्यक्तिगत, पारिवारिक व राष्ट्रीय जीवन मूल्यों की उच्च आदर्श परंपरा खड़ी की और वह भी स्वयं के उदाहरण से। कष्ट स्वीकार किए, संघर्ष किया, साहस किया, लोगों को वैसा जीवन जीने हेतु प्रेरित किया।
तो अब जब हम रामलला का मंदिर स्थापित कर रहे हैं, खुशियां मना रहे हैं, मिठाइयां बांट रहे हैं, दिवाली मना रहे हैं और भी क्या-क्या नहीं कर रहे हैं, तो इन दिनों कुछ संकल्प लें, बड़ा संकल्प लें।

संकल्प लें कि हम भी उन उच्च आदर्शों का कुछ अंश अपने अंदर खड़ा करेंगेl हमारा व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक जीवन उच्च नैतिक जीवन मूल्यों से युक्त,अति सक्रिय व कर्मठता से पूर्ण होगा। घर पर आपसी विश्वास, संवाद, समृद्धि व श्रद्धा का वातावरण खड़ा करें – यह पहला कार्य है। फिर राम जी ने राक्षसों का संहार करने के लिए कितना कठिन परिश्रम किया, कष्ट सहे, साहस किया स्मरण करें।

प्रश्न यह है कि हम भी कुछ कर रहे हैं क्या? उस समय त्रेता में तो रावण था, लेकिन इस समय पर बेरोजगारी है, गरीबी है, असमृद्धि है। इसीलिए तो अपना स्वावलंबी भारत अभियान हमने चलाया है। इसे ही राम का काम, देश का काम मानकर हमें बढ़ना है। करोड़ों युवाओं को रोजगार युक्त करना सबसे बड़ा कार्य है। यह कठिन है, पर प्रेरक मिशन है
उसके लिए मेरा समय लग रहा है क्या?
मैं उसके लिए अपने आपको तैयार कर रहा हूं क्या? सोचें!

हमें प्रतिदिन न्यूनतम एक घंटा, अधिकतम जितना संभव है, प्रत्यक्ष लगाकर इस कार्य में जुटना चाहिए। राम जी ने तो 14 वर्ष का वनवास किया। किन्तु हम साप्ताहिक, दूसरे नगर.. ज़िले में प्रवास हेतु समय निकालते हैं क्या? यदि ऐसा निश्चय हम करते हैं, तो निश्चय ही हम राम कार्य कर रहे हैं। राम का कार्य – राष्ट्र का कार्य ही यह अभियान कार्य और स्वदेशी कार्य है। इस कार्य को दिन-रात करने लगेंगे, तभी वास्तव में हमें राम का वंशज होने का गर्व महसूस होगा।

इसलिए मेरा आपसे भी आग्रह है कि इन दिनों में चल रहे SBA वालंटियर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को गति से आगे बढ़ाने में जुट जाएं।जिले में दो-तीन हजार वालंटियर यदि खड़े हो गए तो हमारे पास अभियान को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने का एक तंत्र खड़ा हो जाएगा। अप्रैल मास में हम अर्थ संग्रह भी करेंगे ही।
जो भी हो, हम सब अपने इस पुनीत कार्य, स्वावलंबी भारत अभियान व स्वदेशी कार्य के लिए एक संकल्प आज के ही दिन लें। इस देश से बेरोजगारी, गरीबी, मिटा कर रहेंगेl स्वावलंबी भारत अभियान के लिए प्रतिदिन न्यूनतम एक घंटा या अधिकतम जितना संभव है उतना समय देकर देश को “पूर्ण रोजगार युक्त-समृद्धि युक्त भारत” के निर्माण में लगेंगे l अयोध्या में रामलला की विग्रह प्राण प्रतिष्ठा का यही आगे का सन्देश है। यही मेरा निवेदन भी है। परिवार के सब सदस्यों को मेरा प्रणाम, जय श्री राम!!

आपका~ सतीश कुमार

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